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यें पंक्तियाँ हम सभी के लिए जो जीवन की इस आपाधापी में भाग रहे
है पैसो के लिए, संघर्ष कर रहे है रोजमर्रा की जिन्दगी में ख़ुशी से रहने
के लिए और सन्देश है आने वाली पीडी के लिए, बच्चो के लिए की वो इस आपाधापी
में ना फसे और वही करे जो करना चाहता है, जो उनका दिल चाहता है |
जीवन की इस आपाधापी में, मैं भागता रहा कुछ पाने को…
ना रही आंतरिक ख़ुशी, न अंतरमन को देखा मैंने …
ना रोका किसी ने मुझको, ना ही कोई रोकेगा …
जीवन की इस आपाधापी में, मैं भागता रहा कुछ पाने को…
खुद से कभी ना पूछा क्या चाहता है तू जीवन में …
ना मिला ज़माने को कुछ, ना मेने था कुछ पाया…
जीवन की इस आपाधापी में, मैं भागता रहा कुछ पाने को…
ना पता था लक्ष्य, न तय किया कोई रास्ता, तुम्हे है खुदा का वास्ता,
जीवन की इस आपाधापी में तुम न फस जाना ….
Image Source - Google Images |
जीवन की इस आपाधापी में, मैं भागता रहा कुछ पाने को…
खुद को खोकर दौड़ता रहा, ना जाने किसको पाने को…
ना रही आंतरिक ख़ुशी, न अंतरमन को देखा मैंने …
ख़ुशी का चोला पहन कर भागता रहा जेहर का प्याला पिने को…
ना रोका किसी ने मुझको, ना ही कोई रोकेगा …
सब दौड़ रहे है इस दौड़ में ना जाने क्या पाने को…
जीवन की इस आपाधापी में, मैं भागता रहा कुछ पाने को…
खुद को खोकर दौड़ता रहा, ना जाने किसको पाने को…
खुद से कभी ना पूछा क्या चाहता है तू जीवन में …
बस दुसरो की देखा देखी करता रहा, ना जाने था किस बहकावे में ….
ना मिला ज़माने को कुछ, ना मेने था कुछ पाया…
पैसो की आपाधापी में सुख चैन भी गवाया….
जीवन की इस आपाधापी में, मैं भागता रहा कुछ पाने को…
खुद को खोकर दौड़ता रहा, ना जाने किसको पाने को…
ना पता था लक्ष्य, न तय किया कोई रास्ता, तुम्हे है खुदा का वास्ता,
तुम अपनी राह बनाना , ना चलना उस राह पर जहाँ चल रहा जमाना ….
जीवन की इस आपाधापी में तुम न फस जाना ….
तुम अपनी राह चुनकर अपनी खुशियाँ पाना ….
Written By – Adarsh Beohar
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